Sharia Court: सुप्रीम कोर्ट ने काजी कोर्ट, काजियात कोर्ट या शरिया अदालतों के निर्णयों को भारतीय कानून के तहत गैरकानूनी ठहराया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि इन अदालतों के फैसले किसी नागरिक पर बाध्यकारी नहीं हैं. जानिए
क्या होती है शरिया अदालत...
Sharia Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि काजी कोर्ट (दारुल कजा), काजियात कोर्ट या शरिया अदालत जैसी संस्थाओं द्वारा लिए गए निर्णय भारतीय कानून के तहत कोई कानूनी महत्व नहीं रखते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके फैसलों को किसी भी नागरिक पर लागू नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एक मुस्लिम महिला शाहजहां द्वारा अपने पति से भरण-पोषण की मांग करने वाली अपील पर निर्णय लेते हुई की. उस महिला के पति ने पहले भोपाल में एक धार्मिक संस्था के माध्यम से तलाकनामा हासिल किया था. इसका इस्तेमाल उसने भरण-पोषण करने के अपने दायित्व के खिलाफ तर्क देने के लिए किया था. हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे मंचों को भारतीय कानून में मान्यता नहीं दी गई है और उनकी घोषणाएं कानूनी रूप से लागू नहीं होती हैं.
