Indian Energy Exchange (IEX) भारत का पहला और सबसे बड़ा बिजली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जो बिजली उत्पादकों, वितरण कंपनियों और बड़े उद्योगों को ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा देता है। लेकिन 24 जुलाई 2025 को निवेशकों को बड़ा झटका तब लगा जब IEX के शेयर में 26% की भारी गिरावट आई और यह ₹139.05 तक पहुँच गया। इसकी मुख्य वजह रही CERC की “मार्केट कपलिंग” को मंजूरी, जिससे अब सभी पावर एक्सचेंजों में समान रेट होंगे—IEX की प्राइस कंट्रोल की आज़ादी और 85% मार्केट शेयर पर असर पड़ सकता है। हालांकि, कंपनी के हालिया तिमाही आँकड़े उत्साहजनक हैं—
बिजली ट्रेडिंग वॉल्यूम में 15% की बढ़ोतरी और जबरदस्त ROE के साथ फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं। विश्लेषक मानते हैं कि नियामक दबाव और बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण IEX का निकट भविष्य थोड़ा अस्थिर रह सकता है, पर लंबी अवधि में इसकी संभावनाएँ बरकरार हैं। कुछ ब्रोकरेज हाउस इसे 'होल्ड' की सलाह दे रहे हैं, जबकि कुछ इसे ₹210–₹220 तक की रिकवरी के साथ 'डिप पर खरीदने' का शानदार मौका भी मान रहे हैं।market coupling
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भारत का प्रमुख
पावर एक्सचेंज, Indian Energy Exchange (IEX), पिछले कुछ समय से बिजली और
रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट्स की ट्रेडिंग में सबसे आगे रहा है। लेकिन 24 जुलाई 2025
को इसके शेयरों
ने ज़मीन पकड़ ली—पूरे 26% की गिरावट के साथ यह ₹139.05
पर बंद हुआ,
जो अब तक की
सबसे बड़ी एकदिनी गिरावटों में गिना जा रहा है।
क्या वजह रही इस झटके की?why iex share price falling
मूल कारण है CERC यानी Central Electricity
Regulatory Commission की हालिया मंजूरी: "मार्केट कपलिंग"। इसका मतलब
है कि अब सभी पावर एक्सचेंजों पर बिजली के रेट एक जैसे होंगे। इससे IEX का जो एकाधिकार
जैसा मार्केट शेयर था—करीब 85%—वो खतरे में पड़ सकता है।
अप्रैल-जून की तिमाही में क्या हुआ?
यहाँ थोड़ी राहत है: कंपनी ने इस दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम में 15% की बढ़त दर्ज की है। साथ ही इसके फंडामेंटल्स मजबूत हैं—40% से ज्यादा ROE (Return on Equity) और 50% ROCE (Return on Capital Employed)।
अब निवेशकों के लिए रास्ता क्या है?
विशेषज्ञ कह रहे हैं—अभी सतर्क रहिए। Q1 के नतीजों और सरकार की अगली घोषणाओं का इंतज़ार करें। कुछ दीर्घकालिक निवेशक इस गिरावट को 'dip में खरीद' का अच्छा मौका मान रहे हैं।iex share price
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