नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 65 साल पुराना सिंधु नदी समझौता रद्द कर दिया है. इस फैसले से पाकिस्तान में हाहाकार मच गया है. लेकिन भारत को आशंका है कि कुछ पड़ोसी देश खासकर चीन और बांग्लादेश इस मौके का फायदा उठा सकता है. भारत-पाकिस्तान-चीन-बांग्लादेश की राजनीति और आर्थिक गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स की राय में लड़ाई होने पर चीन और बांग्लादेश मौके फायदा उठा सकते हैं. खासकर चीन भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में कर सकते हैं बड़ा खेला.
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जल युद्ध की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. विशेष रूप से भारत के सिंधु जल समझौता रद्द करने के फैसले से पाकिस्तान आग बबूला हो गया है. 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ यह समझौता दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का आधार था. हाल के वर्षों में भी खासकर 2016 के उरी और 2019 के पुलवामा हमलों के बाद भी भारत ने इस समझौते को रद्द करने की धमकी दी थी. लेकिन अब पहलगाम हमले के बाद भारत ने यह फैसला कर लिया है. ऐसे में अगर भारत-पाकिस्तान में जल युद्ध छिड़ता है तो क्या क्षेत्रीय शक्तियां जैसे चीन और बांग्लादेश ‘छुपे रुस्तम’ साबित हो सकते हैं?
चीन और बांग्लादेश कर सकते हैं बड़ा खेला
विशेषज्ञों की राय और आंकड़ें बता रहे हैं कि सिंधु नदी समझौता, जिसमें सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज नदियां शामिल हैं, पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि (लगभग 16 मिलियन हेक्टेयर) और 61% आबादी के लिए जीवनरेखा है. इस समझौते के तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलज) और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का प्राथमिक उपयोग मिला. भारत द्वारा हाल ही में समझौते को निलंबित करने का निर्णय करना पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा है.